Monday, February 21, 2011

जिन्दगी !

जिन्दगी !

ज़िन्दगी छोटी ही सही लेकिन
खुशियों के साथ गम का सबब साथ लाती है |


मुस्कुराने की चाहत तो मेरी भी थी
पर उदासी इसे छीन जाती है |

अपने लिए तो सभी जीते हैं
औरों के लिए जीने की तमन्ना ही
जीने की एक आस दे जाती है |

3 comments:

Unknown said...

किसके लिये जी रहे है महाशय

सुनीता said...

vichar acccche hain.

Anonymous said...

"I KNOW THAT I KNOW NOTHING"
यही सोच बनी रहे

"अपने लिए तो सभी जीते हैं
औरों के लिए जीने की तमन्ना ही
जीने की एक आस दे जाती है|"

हार्दिक शुभकामनाएं

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