Monday, October 26, 2009

अश्क भर आते हैं |

इन आंखों में जब अश्क भर आते हैं ।
कुछ लोग इसमें डूबते नज़र आते हैं॥

शिकवा या शिकायत नहीं किसि से
दिल धड्कने के सवब याद आते हैं|

मुश्किल है आज संभलना ए दोस्त क्योंकि
मुसीबत मे अब तिनके भी डूबते नजर आते हैं|

इस दिल का अफ़साना हम भी सुनाते लेकिन
अफ़सोस है कि ये उनके जाने के बाद आते हैं||

दिल को दिलाशा दूं कैसे, कैसे संभालूं इसे
ये उनकी याद है कि वो अब यादों मे भी नजर आते हैं।

सोचता हूं कोरे कागज पर गज़ल लिखूं या मौशिकि
उनके हर लब्ज मुझे अब बोल नज़र आते हैं ॥

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