गम तो सबों को मिलती है लेकिन
खुशियाँ किसी किसी को नसीब होती है
मौत तो सबों को मिलती है
लेकिन एक अच्छी जिन्दगी किस्मत वालों को तह्रिब होती है
अपनों के लिए तो सभी जीते हैं
हमें चाहिए की हम औरों के लिए जियें
गम को भुलाने के लिए शराब तो सभी पीते हैं
हमें चाहिए की हम उन अश्कों को पियें
जिन्दगी एक दास्ताँ नहीं जिसे हम लिखें
पहिलेयों का संघर्ष कोई कम लिखें
दुनिया की रीती रिवाजों का सितम लिखे
अपनी समझ से कभी गम न लिखे
अगर लिखे तो ख़ुशी के आसूओं में आँखों को नम लिखे
5 comments:
अपनी समझ से कभी गम न लिखे
अगर लिखे तो ख़ुशी के आसूओं में आँखों को नम लिखे......
sundar khyal gautam babu...aapka ye andaz pahli bar dekhne ko mila...
ummid hai aage aur v dhardar hogi..
apee baat ko rakhne ka achha prayaas hai...
likhte rahiye...
meree shubhkamnaa aapke saath hai..
good gautam keep it up,......
ye sachhi likh kar aapne mujhe jaga diya
सुन्दर रचना....बहुत बहुत बधाई....
great dude!!!! keep going.....
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