Thursday, August 20, 2009

जिन्दगी

गम तो सबों को मिलती है लेकिन
खुशियाँ किसी किसी को नसीब होती है
मौत तो सबों को मिलती है
लेकिन एक अच्छी जिन्दगी किस्मत वालों को तह्रिब होती है
अपनों के लिए तो सभी जीते हैं
हमें चाहिए की हम औरों के लिए जियें
गम को भुलाने के लिए शराब तो सभी पीते हैं
हमें चाहिए की हम उन अश्कों को पियें
जिन्दगी एक दास्ताँ नहीं जिसे हम लिखें
पहिलेयों का संघर्ष कोई कम लिखें
दुनिया की रीती रिवाजों का सितम लिखे
अपनी समझ से कभी गम न लिखे
अगर लिखे तो ख़ुशी के आसूओं में आँखों को नम लिखे

5 comments:

शशि "सागर" said...

अपनी समझ से कभी गम न लिखे
अगर लिखे तो ख़ुशी के आसूओं में आँखों को नम लिखे......
sundar khyal gautam babu...aapka ye andaz pahli bar dekhne ko mila...
ummid hai aage aur v dhardar hogi..

Anonymous said...

apee baat ko rakhne ka achha prayaas hai...

likhte rahiye...

meree shubhkamnaa aapke saath hai..

kamal said...

good gautam keep it up,......
ye sachhi likh kar aapne mujhe jaga diya

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' said...

सुन्दर रचना....बहुत बहुत बधाई....

Unknown said...

great dude!!!! keep going.....

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